दिनों दिन बढ़ते जा रहे प्याज के दाम ने लोगो को हिला कर रख दिया है वही सरकार के स्वामित्व वाली एमएमटीसी ने चार हजार टन प्याज के आयात के लिए दो अलग-अलग निविदाएं जारी कर चुकी है. इसका उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाना और कीमतें थामना है. प्याज की महंगाई से चिंतित सरकार ने हाल में एमएमटीसी को एक लाख टन प्याज के आयात के निर्देश दें चुके है. मिली जानकारी के अनुसार देश के कई इलाकों में प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं. एमएमटीसी जहां प्याज का आयात करेगी, वहीं नाफेड के माध्यम से इसकी घरेलू बाजार में आपूर्ति की जाएगी. इससे पहले शनिवार को राम विलास पासवान ने बताया था,कि ‘सरकार ने कीमतों को काबू करने के लिए एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला कर चुकी है.’
एक हफ्ते में 45 फीसदी बढ़े दाम: मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में प्याज का खुदरा मूल्य 45 फीसदी बढ़कर 100 रुपये किलो पहुंच चुका है. वही आकंड़ों के मुताबिक प्याज की कीमतों में पिछले साल की तुलना में करीब 3 गुना बढ़ोतरी हुई है. नवंबर 2018 में खुदरा बाजार में प्याज का भाव 30-35 रुपये किलो था. जंहा अधिकारी ने कहा कि निजी व्यापारियों ने सरकार को बताया कि आयातित प्याज के 80 कंटेनर भारतीय बंदरगाहों पर पहुंच गए है. और 100 कंटेनरों को समुद्री मार्ग से भारत भेजा जा सकता है. बीते कुछ महीनों में प्याज की कीमतें लगभग दोगुना हुई हैं.
वही अगस्त में जहां एक किलो प्याज के लिए लोग 25 रुपये चुकाते थे, वहीं इस माह एक किलो प्याज 90 से 100 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2019 को प्याज का भाव 55 रुपये किलो रहा.
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