मोबाइल एडिक्शन बच्चों के लिए खतरा, ऐसे करें बच्चों का बचाव

मोबाइल एडिक्शन बच्चों के लिए खतरा, ऐसे करें बच्चों का बचाव
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आज के दौर में पेरेंट्स के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है उनके बच्चों का डिजिटल दुनिया में अत्यधिक व्यस्त रहना। बच्चों की स्क्रीन पर बढ़ती निर्भरता ने उन्हें खुले आसमान, हरियाली और आउटडोर गेम्स से दूर कर दिया है, जो न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक विकास पर भी गहरा असर डाल रही है। यह स्थिति पेरेंट्स के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया बच्चों और बड़ों दोनों की सेहत पर भारी पड़ सकते हैं। बच्चों में मोबाइल और इंटरनेट की लत ने उनके व्यवहार में नकारात्मक बदलाव लाए हैं; वे जिद्दी हो रहे हैं, अनावश्यक मांगें कर रहे हैं और पेरेंट्स की बातों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। सरल शब्दों में कहें तो बच्चों का बचपन खोता जा रहा है। इसलिए समय रहते उनके डिजिटल गतिविधियों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है।

बच्चों पर डिजिटल एडिक्शन का असर
गैजेट्स की लत बच्चों की मानसिक और शारीरिक क्षमता को प्रभावित कर रही है। अत्यधिक मोबाइल उपयोग से बच्चों की शारीरिक गतिविधियाँ कम हो गई हैं, जिससे उनके विकास में रुकावट आ रही है। उनकी हाइट बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो रही है, उनका वजन बढ़ रहा है, और हड्डियाँ कमजोर हो रही हैं। साथ ही, स्क्रीन टाइम की अधिकता के कारण आयरन की कमी हो सकती है, जो बच्चों के आईक्यू स्तर को भी प्रभावित कर रही है। आयरन की कमी भविष्य में कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

इसी तरह, लगातार वीडियो गेम्स खेलने और सोशल मीडिया पर समय बिताने से बच्चों की नजर कमजोर हो रही है। चश्मे का नंबर बढ़ता जा रहा है और आँखों की मांसपेशियों में थकान से मायोपिया (निकट दृष्टिदोष) के मामले बढ़ रहे हैं। यह समस्या केवल दृष्टि तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों की मानसिक स्थिति को भी प्रभावित कर रही है, जिससे उनके व्यवहार में बदलाव, गुस्सा, निराशा और कमज़ोर इच्छाशक्ति जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।

बच्चों में सोशल मीडिया की लत क्यों बढ़ रही है?
समाज और परिवार में हुए बदलाव बच्चों में सोशल मीडिया और डिजिटल उपकरणों की लत का मुख्य कारण हैं। नीचे दिए गए आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 सालों में इस समस्या में कितना बदलाव आया है:


डिजिटल लाइफस्टाइल के प्रभाव:
बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल
सेहत खराब
कमजोर इम्यूनिटी
विकास में कमी
लाइफस्टाइल डिजीज
नजर कमजोर
व्यवहार में बदलाव
गुस्सा और नेगेटिव इमोशन्स
कमजोर इच्छाशक्ति
खराब मेमोरी

बच्चों की हाइट के प्रमुख कारक:
वर्कआउट
न्यूट्रिशन
ग्रोथ हॉर्मोन
नींद का पैटर्न
पॉश्चर
इम्यूनिटी

बच्चों को ऑलराउंडर कैसे बनाएं:
फिट बॉडी
मजबूत इम्यूनिटी
शार्प माइंड
अच्छा कंसंट्रेशन
तेज मेमोरी

बच्चों की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं:
गिलोय-तुलसी का काढ़ा
हल्दी वाला दूध
मौसमी फल
बादाम-अखरोट

फिजिकल ग्रोथ के लिए उपाय:
आंवला-एलोवेरा जूस
दूध के साथ शतावरी
दूध के साथ खजूर

बच्चों के लिए सुपरफूड:
दूध
ड्राई फ्रूट्स
ओट्स
बीन्स
शकरकंद
मसूर की दाल

बच्चों के दिमाग को मजबूत करने के लिए:
अश्वगंधा
5 बादाम और अखरोट पानी में भिगोकर, पीस लें और उसमें ब्राह्मी मिलाएं
शंखपुष्पी और ज्योतिषमति डालकर पिएं

बच्चों के लिए इम्यूनिटी बूस्टर टिप्स:
खट्टे फल खिलाएं (विटामिन C के लिए)
कुछ समय धूप में बिठाएं (विटामिन D के लिए)
हरी सब्जियां खिलाएं
हल्दी वाला दूध पिलाएं

इस तरह, पेरेंट्स अगर सही समय पर कदम उठाएं तो बच्चों को न केवल डिजिटल दुनिया से बाहर निकाल सकते हैं, बल्कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी बना सकते हैं।

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