मुंबई: आज के दौर में मोबाइल फोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है, वही इसने एक बार फिर अपनी घातक छवि दिखाई है। महाराष्ट्र में 10वीं की एक छात्रा ने मोबाइल फोन से बढ़ती डिपेंडेंसी के चलते अपनी जान दे दी। इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस हद तक हम टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गए हैं।
घटना उस रात की है जब छात्रा रात के 2 बजे अपने कमरे में फोन का इस्तेमाल कर रही थी। उसकी मां को कमरे से आ रही आवाज सुनाई दी, जिससे वे उसकी गतिविधियों को देखने के लिए अंदर गईं। उन्होंने देखा कि उनकी बेटी किसी से फोन पर बात कर रही थी। मां को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आई तथा उन्होंने बेटी का फोन ले लिया। इस बात को लेकर दोनों में बहस हो गई, और मां गुस्से में फोन लेकर कमरे से बाहर चली गईं।
कुछ देर पश्चात् मां ने बेटी को फिर से बुलाया, मगर कोई जवाब नहीं मिला। जब उन्होंने दरवाजा खटखटाया तथा कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तो उन्हें शक हुआ। परिवार के अन्य सदस्यों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया, तो अंदर का नजारा देखकर सबके होश उड़ गए। छात्रा ने बेड की चादर से फांसी लगा ली थी। इस घटना के बाद से घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
इस हृदयविदारक घटना ने मोबाइल फोन की लत और इससे उत्पन्न मानसिक दबाव को उजागर किया है। यह सोचने की बात है कि क्या एक उपकरण, जो हमें सुविधा और जानकारी देने के लिए बना है, इतना महत्वपूर्ण हो सकता है कि उसकी कमी को सहन न कर पाने की स्थिति में कोई अपनी जान लेने पर मजबूर हो जाए। समाज को अब यह विचार करने की जरूरत है कि टेक्नोलॉजी का संतुलित उपयोग कैसे सुनिश्चित किया जाए, ताकि ऐसी दुखद घटनाएं न हों।
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