कोरोना महामारी से सम्पूर्ण विश्व ग्रसित है. वही इस बीच कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, किन्तु कोई सफल परीक्षण सामने नहीं आया है. वही बेंगलुरु के जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च ने कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए पूर्वानुमान लगाने वाला ऐसा मॉडल तैयार किया है, जो महामारी के वक़्त पूर्व सूचना देकर जरूरतों के बारे में बताएगा. वह बताएगा कि कितने संक्रमितों और किस प्रकार के मरीजों की चिकित्सा के लिए कौन-कौन सी चीजों की आवश्यकता होगी.
मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्गत काम करने वाले इस संस्थान ने इटली और न्यूयॉर्क में कोरोना महामारी के चरम के चलते संक्रमितों की संख्या और उनकी मृत्यु के आकलन के लिए बनाए गए, मॉडल का अध्ययन करने के पश्चात् भारत के लिए मॉडल तैयार किया है. प्रयोग में देखा गया है कि पूर्वानुमान बहुत हद तक सही निकले और स्थिति से निपटने में बेहद कारगर सिद्ध हुए.
देश में कोरोना और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों से पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा, कि हॉस्पिटल्स में कितनी मात्रा में किन उपकरणों और दवाओं की आवश्यकताएं होगी. बीमारी जानने के लिए होने वाले परीक्षण से लेकर सघन चिकित्सा की आवश्यकताओं के बारे में सही पूर्वानुमान बताया जा सकेगा. आबादी के हिसाब से परीक्षण और परीक्षणों के नतीजे के आधार पर संक्रमितों की संख्या का सही आकलन प्रस्तुत किया जा सकेगा. इससे कोरोना महामारी से होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा. इसके साथ-साथ हॉस्पिटल्स की सुविधाएं सुचारु रखी जा सकेंगी. कम चिकित्साकर्मियों का भी बेहतर ढंग से उपयोग हो सकेगा. वही अब देखना ये है की ये परिक्षण कितना सफल साबित होता है.
हथिनी का बच्चा ‘सावन’ कॉर्बेट नेशनल पार्क का बनेगा ब्रांड एंबेसडर, फेसबुक पर होगा अकाउंट
भूमिपूजन के अवसर पर चार राज्य मनाएंगे दीपावली, रामलला को भेंट करेंगे ये अनोखा उपहार
SpaceX के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, 45 वर्षों में पहली बार समुद्र में की लैंडिंग