पिछले कुछ समय से पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके क्रियाकलापों से नाखुश लग रहे है. हाल ही में योगी पीएम मोदी की कसौटियों पर सौ फीसदी खरे नहीं उतर पाए है. प्रदेश के मौजूदा हालात और कानून व्यवस्था मोदी की चिंता का विषय बने हुए है. इसी के चलते कासगंज में तनावपूर्ण हालात के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई.
एक घंटे चली इस मुलाकात के बाद सूबे की सियासी ढांचे में बड़े बदलाव के कयास लगाए जानें लगे है. योगी सरकार का एक साल पूरा होने पर कैबिनेट में फेरबदल संभव है. इस परिवर्तन का कारण सीएम योगी और मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड है. परिवर्तन के बाद एक साल के भीतर ही योगी आदित्यनाथ का अपनी पसंद का मंत्रिमंडल होगा.
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल का विस्तार फरवरी महीने के आखिर में या मार्च के पहले हफ्ते में प्रस्तावित है. कैबिनेट के साथ साथ उप बीजेपी के संगठन में भी परिवर्तन की संभावनाएं है. सूत्रों की माने तो मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले संगठन में कई अहम पदों को भरा जा सकता है. ऐसे में कई नए लोगों को बीजेपी संगठन और सरकार में मौका दिया जायेगा तो कईयों पर योगी की नाराजगी की गाज गिरेगी.
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