नई दिल्ली। मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना से बेहतर स्वस्थ सेवा की उम्मीदे लगाए बैठे करोड़ो भारतीयों को इस मामले में एक निराशाजनक खबर हाथ लग सकती है। देश के करोड़ो गरीबों को मुफ्त में मेडिकल सुविधा देने वाली आयुष्मान भारत योजना की राह में एक नई बाधा आ गई है।
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दरअसल इस योजना को लेकर प्राइवेट अस्पतालों ने अभी तक मंजूरी नहीं दी है और आगे भी सहमति न देने के संकेत जताये है। दरअसल अधिकतर प्राइवेट अस्पताल इस योजना से होने वाले खर्चे और उसके एवज में मिलने वाले पैकेज को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि कुछ अस्पतालों ने इस योजना में सहमति जताते हुए इसकी प्रॉसेस भी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक कई बड़े हॉस्पिटल ग्रुप्स का कहना है कि शुरुआत में भले ही वे इस स्कीम के लिए आगे बढ़ सकते है लेकिन लंबे समय तक इस पैकेज के साथ इस योजना को चला पाना बहुत मुश्किल है।
गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के अवसर पर दिल्ली के लाल किले से इस योजना की घोषणा थी। सरकार ने इस योजना को 25 सितंबर तक लागु करने का मकसद रखा है। प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक भारत के गरीब परिवारों को बेहतर इलाज और गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए आरोग्य भारत के इस अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपए तक के फ्री हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दी जाएगी।
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