नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा शिक्षा और रोजगार में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग को 10 फीसद आरक्षण देने का विधेयक आज मंगलवार को लोकसभा के सामने रख दिया है. इन सबके बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को ऊपरी सदन का सत्र भी एक दिन बढ़ाने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार के इस निर्णय के विरोध में मंगलवार को विपक्ष के नेताओं ने सदन में ही धरना दे दिया.
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विपक्ष के नेताओं ने संसद भवन में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने इकठ्ठा होकर मोदी सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है, कि सरकार ने तमाम राजनितिक दलों से बिना चर्चा के ही राज्यसभा के सत्र को बढ़ा दिया. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यसभा का सत्र बढ़ाने के मामले में किसी भी विपक्षी दल से चर्चा नहीं की.
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उन्होंने कहा है कि राज्यसभा का सत्र एक दिन के लिए बढ़ाने का निर्णय केंद्र सरकार ने सबकी सहमति से नहीं लिया है. आपको बता दें कि लोकसभा में सवर्णों को आर्थिक स्थिति के आधार पर 10 फीसद आरक्षण और सिटीजन चार्टर बिल 2016 में संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को प्रस्तुत किया गया है, वर्तमान में इस पर लोकसभा में बहस चल रही है.
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