नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार अब OBC आरक्षण को बढ़ाने का निर्णय ले सकती है. गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को केंद्र सरकार ने बताया है कि वो क्रीमी लेयर की लिमिट बढ़ाने वाली है. बता दें कि मौजूदा समय में क्रीमी लेयर की सीमा 8 लाख है, मगर अब सरकार इसे बढ़ाने वाली है. चार सप्ताह के भीतर इसको लेकर कोई बड़ा फैसला हो जाएगा.
केंद्र ने अदालत को बताया कि अब वो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग वाले क्राइटेरिया को बदलने जा रही है. अभी तक जिस उम्मीदवार के परिवार की इनकम साल की 8 लाख से कम थी, उसे EWS में रखा जाता था. किन्तु अब यहीं पर बड़ा परिवर्तन होगा. सरकार इस आठ लाख वाली लिमिट को ही बढ़ाने जा रही है. चार माह के भीतर केंद्र सरकार इस पर फैसला ले सकती है. इस फैसले के लागू होते ही एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचेगा और सभी को समान अवसर भी मिल पाएगा. अभी के लिए ये नहीं बताया गया है कि सरकार इस क्रीमी लेयर में कितना बदलाव करने जा रही है. मगर कुछ लोग यदि 10 लाख वाले क्राइटेरिया को लागू करना चाहते हैं तो कुछ 12 लाख तक की मांग कर रहे हैं.
अब सरकार किस ओर झुकती है, चार सप्ताह के अंदर ये साफ हो जाएगा. इससे पहले भी इस दिशा में कई बार केंद्र ने अपने कदम बढ़ाए हैं. पहले एक कमेटी बनाई थी जो कि इस तथ्य का गहराई से अध्ययन कर रही थी कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, OBC, दिव्यांग श्रेणी के सरकारी वैकेंसी क्यों नहीं भर पा रहे हैं, कमेटी से इस संबंध में सुझाव भी मांगे गए था. उन सुझावों के आधार पर ही क्रीमी लेयर में परिवर्तन करने पर सहमति बनी थी. अब सर्वोच्च न्यायालय में भी केंद्र ने अपनी नीति स्पष्ट कर दी है.
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