नई दिल्ली: तीन तलाक की प्रथा पर लगाम लगाने एवं उसे दंडनीय अपराध घोषित करने के संबंध में सरकार एक बार फिर अध्यादेश लाई है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शनिवार को जारी हुए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के अंतर्गत एक बार में तीन तलाक देना गैरकानूनी और अवैधानिक होगा और आरोपी पति को इसके लिए तीन साल की सजा हो सकती है.
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उल्लेखनीय है कि सितंबर 2018 में जारी किए गए पिछले अध्यादेश को कानून का रूप देने के लिए लाया गया एक विधेयक लोकसभा में तो पास हो गया था लेकिन विपक्ष के साथ न देने के कारण ये विधेयक राज्य सभा में लंबित रहा. विधेयक को संसदीय मंजूरी नहीं मिलने के कारण सरकार द्वारा नया अध्यादेश जारी किया गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले हफ्ते अध्यादेश को फिर से जारी करने की मनुरि दे दी थी.
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तीन तलाक़ पर प्रस्तावित कानून का दुरुपयोग किए जाने के डर को कम करने के लिए सरकार ने इसमें कुछ निश्चित सुरक्षा उपाय भी शामिल किए हैं, जैसे कि मुकदमा शुरू होने से पहले आरोपी को जमानत मिलने का प्रावधान को इसमें जोड़ा गया है. कैबिनेट ने इन संशोधनों को 29 अगस्त, 2018 को अनुमति दे दी थी.
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