नई दिल्ली: मोदी सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हरकत में है। स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इस मसले पर 13 नवंबर को मीटिंग हुई। यह मीटिंग रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय की उस संयुक्त परामर्श प्रकिया के पश्चात् हुई, जिसमें मंत्रालयों ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तमाम देशों तथा विश्व भर के एक्सपर्ट्स से इस बारे में परामर्श किया था।
वही अब सरकार ने इस मसले पर बड़ा निर्णय लेने के लिए मूड बना लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर एक व्यापक विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है, जिसे संसद के होने वाले शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। प्राप्त एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त संबंधी स्थाई समिति 15 नवंबर को अगली मीटिंग करने वाली है। जिसमें इसके सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
दरअसल, आरबीआई ने पहले ही क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना पक्ष सरकार के समक्ष रख दिया है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को डिजिटल परिसंपत्तियों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में गंभीर चिंताएं हैं। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि वर्चुअल करेंसी को लेकर आरबीआई के हालात में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। हमें क्रिप्टोकरेंसी के बारे में प्रमुख चिंताएं हैं, जो हमने सरकार को बताई हैं। उन्होंने बताया कि निवेशकों को भी डिजिटल करेंसी को लेकर बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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