कोलकाता: अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से होने वाली घुसपैठ की समस्या से निपटने के लिए भारत अब अपनी सीमाओं को स्टील फेंस सिस्टम से लैस करने वाला है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत असम के सिलचर में बांग्लादेश से लगती बॉर्डर से हो गई है. बॉर्डर पर लगाई जाने वाली स्टील फेंस यानी बाड़ पर बाहरी मौसम का कोई असर नहीं होगा और इसे काटा भी नहीं जा सकेगा.
असम के सिलचर में आधुनिक फेंसिंग लगाई गई है. भारत की बॉर्डर्स को सुरक्षित रखने के लिए यह स्मार्ट प्रोजेक्ट शुरू किया गया हैृ. सरहद पर नए तरीके से फेंसिंग लगाने वाली एजेंसियों का कहना है कि इसे आसानी से काटा नहीं जा सकता. यह स्टील से तैयार किया गया है. अभी फेंसिंग के समय दो ओर से फेंसिंग करनी होती है, किन्तु नए फेंसिंग में सिंगल फेंसिंग की जा रही है.
स्टील का बने होने के कारण पूरा स्ट्रक्चर इतना मजबूत है कि उसे किसी भी धारदार हथियार से काटा ही नहीं जा सकता. इसके साथ ही यह गरमी, बरसात और ठंड हर प्रकार के मौसम को भी झेल सकेगा. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे अभी असम के सिलचर में भारत और बंग्लादेश बॉर्डर पर लगाया जा रहा है. इसके बाद इसे देश की सभी सीमाओं पर लगाने की मोदी सरकार की योजना है.
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