नई दिल्ली: सरकार ने विदेशी फंडिंग प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठनों (NGOs) पर निगरानी तेज कर दी है, खासकर उन एनजीओ के खिलाफ जो गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसे एनजीओ के FCRA (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) लाइसेंस को रद्द करने का निर्णय लिया है, जो निम्नलिखित गतिविधियों में शामिल पाए जाते हैं:
1. विकास विरोधी कार्यों में शामिल एनजीओ।
2. धर्मांतरण या इससे संबंधित गतिविधियों में लिप्त एनजीओ।
3. विरोध-प्रदर्शन को जानबूझकर भड़काने वाले एनजीओ।
4. आतंकवादी या कट्टरपंथी संगठनों से जुड़े एनजीओ।
गृह मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि यदि कोई एनजीओ विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल करते समय सामाजिक या धार्मिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाता है, तो उसका FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा, यदि कोई एनजीओ धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता है या बलपूर्वक धर्मांतरण में शामिल पाया जाता है, तो भी उसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एनजीओ को विदेशी फंडिंग प्राप्त करने के लिए FCRA के तहत पंजीकरण कराना आवश्यक है। यदि कोई एनजीओ अपने उद्देश्य के अनुसार विदेशी फंडिंग का उपयोग नहीं करता या अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करता है, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यदि कोई एनजीओ निष्क्रिय हो गया है या उसने पिछले 2-3 वर्षों में समाज कल्याण के लिए कोई कार्य नहीं किया है, तो भी उसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
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