नई दिल्ली: विभिन्न प्रदेशों में किसानों के बाद अब मुश्किलों से जूझ रहे छोटे कर्जदारों के ऋण भी माफ हो सकते हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने दिवालिया कानून के तहत 'छोटे परेशान कर्जदारों' को राहत देने की योजना बनाई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि प्रस्तावित छूट दिवालिया और धन शोधन संहिता (आईबीसी) के अंतर्गत 'नई शुरुआत' प्रावधान के तहत इस योजना की पेशकश की जाएगी।
कंपनी मामलों के सचिव इंजेति श्रीनिवास ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्ल्यूएस) के छोटे परेशान कर्जदारों को प्रस्तावित राहत देने के रोडमैप तैयार करने को लेकर माइक्रोफाइनेंस उद्योग के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि व्यक्तिगत दिवालियापन के तहत ईडब्ल्यूएस वर्ग में सबसे अधिक परेशान लोगों को राहत दी जाएगी। उन्होंने कहा, 'अगर आपने एक बार नई शुरुआत का फायदा उठा लिया तो आपको पांच वर्ष के लिए इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।
उन्होंने कहा कि हमने माइक्रोफाइनेंस उद्योग की संतुष्टि के लिए सभी शर्तों पर कार्य कर लिया है।' श्रीनिवास ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, 'यह हेयरकट लेने के समान होगा। राष्ट्रीय स्तर पर तीन वर्ष की अवधि के लिए यह 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा।' श्रीनिवास ने कहा कि, 'हमारी माइक्रोफाइनेंस उद्योग के साथ विचार विमर्श हुआ था और उनकी चिंताओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। हमारा इरादा माइक्रोफाइनेंस उद्योग को तबाह करने का नहीं है।'
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