नई दिल्ली: संगठित क्षेत्र के श्रमिक वर्ग के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार 'एक राष्ट्र, एक वेतन दिवस' लागू करने के बारे विचार कर रही है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने पिछले शुक्रवार को यह बात कही। गंगवार यहां सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री द्वारा आयोजित किए गए 'सिक्योरिटी लीडरशिप समिट-2019' में संबोधन दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि, ' पूरे देश में हर महीने सभी कर्मचारियों को एक ही दिन वेतन मिलना चाहिए, ताकि लोगों को समय पर वेतन का भुगतान हो सके। पीएम नरेंद्र मोदी को जल्द ही इस विधेयक के पारित होने की उम्मीद है। इसी प्रकार हम विभिन्न क्षेत्रों में सार्वभौमिक न्यूनतम वेतन लागू करने पर भी मंथन कर रहे हैं, जिससे श्रमिकों का आजीविका स्तर बेहतर हो सके।' केंद्र सरकार वेतन संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यस्थल स्थिति (ओएसएच) संहिता को लागू करने की कवायद में लगी हुई है। वेतन संहिता को पहले ही संसद की स्वीकृति मिल चुकी है।
ओएसएच संहिता को लोकसभा में 23 जुलाई 2019 को रखा गया था। यह संहिता सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाज के हालातों पर 13 केंद्रीय कानूनों को एक कानून में ही समाहित कर देगी। ओएसएच संहिता में कई नई पहल की गयी हैं। इनमें कर्मचारियों को अनिवार्य तौर पर नियुक्ति पत्र देना, सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराना शामिल है। गंगवार ने कहा है कि मोदी सरकार 2014 में जब से सत्ता में आई है, श्रम कानूनों में सुधार के लिए निरंतर काम कर ही है।
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