नई दिल्ली: देश में रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार मॉडल टेनेंसी एक्ट लाने की तैयारी में है. यह एक्ट मकान और दुकान किराये पर देने वालों और लेने वाले दोनों के लिए प्रभावी होगा. इसके अनुसार मकान मालिक किरायेदार से सिक्योरिटी डिपाजिट के रूप में दो महीने से अधिक की रकम नहीं मांग पाएंगे. मकान-दुकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों को ध्यान में रखकर नए कानून का ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है.
पीएम मोदी के लक्ष्य 2022 तक सभी के लिए आवास योजना और रेंटल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए मॉडल टेनेंसी एक्ट तैयार किया गया है. मॉडल टेनेंसी एक्ट बनाने के पीछे सरकार का उद्देश्य रेंटल हाउसिंग में आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल करना है. सरकार को आशा है कि इस कानून के लागू होने के बाद रेंटल हाउसिंग में परदर्शिता आएगी. इस मसौदे की प्रतिलिपि मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है.
इस एक्ट के मुताबिक मकान मालिक यदि घर का निरिक्षण करना चाहता है या रिपेयर आदि करना चाहता है उसके लिए 24 घंटे पहले नोटिस देना होगा. रेंट एग्रीमेंट में लिखी समयावधि से पहले किरायेदार को मकान मालिक नहीं निकाल सकता, जब तक किरायदार ने लगातार दो महीने तक किराया न दिया हो.
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