नई दिल्ली: मोदी सरकार पिछले कई वर्षों से सरकारी एविएशन कंपनी Air India को बेचना चाह रही है. किन्तु उचित कीमत नहीं मिलने और खरीददारों के बीच उदासीन रवैये के कारण इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है. मगर पहली बार सरकार ने अपनी दिल की बात कही है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरप्रीत पुरी ने कहा है कि केंद्र सरकार Air India को किसी घरेलू कंपनी को ही बेचना चाह रही है. यह पहली दफा है जब सरकार ने Air India पर अपनी दिली तमन्ना प्रकट की है.
केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरप्रीत के मुताबिक, बीते कुछ महीनों में Air India को खरीदने के लिए कई विदेशी और देसी कंपनियों ने इच्छा प्रकट की है. किन्तु कीमतों और सरकारी शर्तों पर बात नहीं बन पा रही है. एक बार कीमतों की बात तय होने के बाद भी सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा सकी है. सरकार का कहना है कि एयर इंडिया बीते दस वर्षों से घाटे में चल रही है. प्रति dinAir India को लगभग 26 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, बीते कुछ दिनों में भारतीय कंपनी इंडिगो ने Air India खरीदने का ऑफर दिया है. साथ ही आबू धाबी की कंपनी एतिहाद ने भी एयरलाइन्स को खरीदने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की है. किन्तु अभी तक सरकार ने कोई आधिकारिक शुरुआत नहीं की है. अधिकारियों ने सपष्ट किया है कि एयर इंडिया को खरीदने को लेकर टाटा ग्रुप की ओर से कोई बात नहीं चल रही है. बताते चलें कि कुछ दिनों पहले खबरें आई थी कि टाटा ग्रुप एयर इंडिया को खरीद सकता है.
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