नई दिल्ली: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज सोमवार (5 अगस्त) को मोदी सरकार पर प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक लाकर डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफॉर्म और निजी तौर पर लिखने और बोलने वालों पर रोक लगाने की तैयारी करने का आरोप लगाया। प्रियंका ने कहा कि देश इस तरह की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रियंका गांधी ने महात्मा गांधी (यंग इंडिया, 1922) और जवाहरलाल नेहरू (मार्च, 1940) के दो उद्धरण साझा किए, जिनमें उन्होंने अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता के महत्व पर बल दिया था।
प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा कि, "ये दो उदाहरण बताते हैं कि हमारे नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी और प्रेस की आजादी ऐसे ही नहीं मिल गई है। लाखों लोगों ने इसके लिए सालों तक लड़ाई लड़ी है।" उन्होंने कहा, "नागरिक स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता हमारे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की महान विरासत है।" प्रियंका वाड्रा ने आगे कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई भी सरकार नागरिकों की स्वतंत्रता को कुचलने के बारे में कभी नहीं सोच सकती।
उन्होंने कहा कि, ‘‘आज एक तरफ सत्ता के बल पर पूरे मीडिया को सरकारी मुखपत्र बना दिया गया है और दूसरी तरफ भाजपा सरकार प्रसारण विधेयक लाकर डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफार्म और यहां तक कि निजी हैसियत से लिखने-बोलने वालों पर भी रोक लगाने की तैयारी कर रही है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। देश ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।" कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्र मीडिया के लिए सीधा खतरा है और दावा किया कि यह ऑनलाइन "अत्यधिक निगरानी" का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने लोगों से सरकार के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया था। जबकि सोशल मीडिया पर कई लोग प्रस्तावित कानून के कुछ प्रावधानों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं, सरकार ने कहा है कि विधेयक अभी भी मसौदा तैयार करने के चरण में है और हितधारकों के साथ परामर्श जारी है।
इससे पहले शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने कहा कि, "मौजूदा केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 को प्रतिस्थापित करने के लिए प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक का मसौदा और प्रसारण क्षेत्र को विनियमित करने वाले दिशा-निर्देशों को 10.11.2023 को डोमेन विशेषज्ञों और आम जनता सहित हितधारकों की टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था।" उन्होंने कहा, "इस समय हितधारकों के साथ परामर्श चल रहा है। विधेयक अभी भी मसौदा तैयार करने के चरण में है।"
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