हैदराबाद: देश की न्याय व्यवस्था में सुधार करने के उद्देश्य से केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (27 अक्टूबर) को कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC), CrPC और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नए विधेयक जल्द ही संसद द्वारा पारित किए जाएंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस कैडेटों की पासिंग आउट परेड में बोलते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए कानूनों को खत्म कर रहा है और नए आत्मविश्वास और नई आशाओं के साथ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति तीन नए विधेयकों की जांच कर रही है और उन्हें जल्द ही पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा, नए कानूनों का उद्देश्य लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है।
गृह मंत्री ने कहा कि IPC-CrPC-एविडेंस एक्ट में कुछ संशोधन किए हैं। नए कानूनों के साथ, गृह मंत्रालय की संसदीय समिति इस पर विचार कर रही है। कुछ दिनों में ये कानून पारित हो जाएंगे और इन कानूनों के आधार पर ही देश में नया क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम प्रारंभ होगा। यह देखते हुए कि महिला IPS कैडेटों की संख्या बढ़ रही है, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश महिला नेतृत्व वाले विकास में आगे बढ़ रहा है।
कौन से हैं वो तीन कानून:-
बता दें कि, गृह मंत्री ने जिन तीन नए कानूनों का जिक्र किया है, वे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 हैं। इन्हें 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था। ये तीनों विधेयक कानून बनकर अंग्रेज़ों द्वारा भारत पर शासन करने के लिए बनाए गए भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की जगह लेंगे।
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