नई दिल्ली: देश को 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के मुख्य कदमों में पशुधन उत्पादन को मिशन मोड में बढ़ाना एक बड़ा कदम होगा। पशुधन मामलों के विशेषज्ञों, पशुचिकित्सा के क्षेत्र के शीर्ष स्तर के वैज्ञानिकों और पशुपालन एवं डेरी मंत्रालय के उच्च अधिकारियों की सिलसिलेवार मीटिंग और मंथन के बाद मोदी ने तीन पर्वितनकारी परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है, जिनसे भारत में करोड़ों पशुपालक किसानों की आर्थिक स्थिति बदल सकती है।
सरकार के आकलन के मुताबिक, अगले पांच वर्षों में पशुपालक किसानों को न केवल 2।50 लाख करोड़ रुपये के नुकसान से छुटकारा मिलेगा, बल्कि वे अपनी आमदनी को भी चार गुना कर सकेंगे, जोकि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का एक बड़ा हिस्सा होगा। पशुधन उत्पादन में भारी वृद्धि के जरिए भारत की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के सवाल पर मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेरी सचिव अतुल चतुर्वेदी ने बताया है कि, पशुधन उत्पादन को बढ़ाने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता से निस्संदेह देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा की केंद्र सरकार द्वारा आरंभ किए गए तीन कार्यक्रम अभूतपूर्व हैं। इस वक़्त हम देश की अर्थव्यवस्था में पशुधन के अनुमानित योगदान के आकलन की कोशिश में जुटे हुए हैं। मोदी सरकार में वरिष्ठतम आईएएस अधिकारियों में से एक चतुर्वेदी ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाने के लिए असाधारण कोशिशें जारी हैं.
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