नई दिल्ली: कृषि बिलों के भारी विरोध के बीच केंद्र सरकार ने 2020-21 की छह रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का ऐलान कर दिया है. यह MSP वर्ष 2021-2022 के लिए प्रभावी होगा. हालांकि सरकार ने MSP में जिस वृद्धि की घोषणा की है, वो गत वर्ष के मुकाबले कम है.
गेहूं की MSP में केवल 2.6 फीसदी वृद्धि की गई है, जो कि विगत 11 वर्षों में सबसे कम वृद्धि है. अन्य फसलों जैसे जौ, चना, मसूर, सरसों और कुसुम के लिए घोषित की गई MSP में भी गत वर्ष की तुलना में कम बढ़ोतरी की गई है. केंद्र की ओर से जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने रबी की फसलों के लिए MSP में इस वृद्धि को स्वीकृति दी है. यह बढ़ी हुई MSP 2021-2022 के लिए लागू होगी. बयान में यह भी कहा गया है कि MSP में यह वृद्धि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप है.
बयान के अनुसार, 2020-21 की रबी फसल के लिए गेहूं की MSP 1,975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है जो 2019-20 के लिए प्रति क्विंटल गेहूं को लेकर तय की गई MSP 1,925 रुपये से 2.6 फीसद ही ज्यादा है. एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि फीसदी के लिहाज से गेहूं की MSP में यह वृद्धि 11 सालों में सबसे कम है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2009-10 में गेहूं की MSP में सिर्फ 1.85 फीसद की वृद्धि करते हुए प्रति क्विंटल इसकी कीमत 1100 रुपये निर्धारित की गई थी. वहीं 2008-09 में प्रति क्विंटल गेहूं का भाव 1,080 रुपये था.
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