नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने आज यानी सोमवार से उपभोक्ता संरक्षण को लेकर एक नया कानून लागू कर दिया है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 को 20 जुलाई से नोटिफिकेशन जारी करते हुए लागू कर दिया गया है. यह कानून काफी सख्त है और उपभोक्ता को अधिक अधिकार देता है. नए कानून Consumer Protection Act-2019 ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का स्थान लिया है.
सरकार के दावों की मानें तो आने वाले 50 वर्षों तक ग्राहकों के लिए किसी नए कानून की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इस नए कानून के लागू होते ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कई नए नियम लागू हो गए हैं. जो पुराने अधिनियम में नहीं थे. नए कानून आने के बाद उपभोक्ता विवादों का वक़्त पर, प्रभावी और त्वरित गति से समाधान किया जा सकेगा. नए कानून के तहत कंस्यूमर कोर्ट्स के साथ ही एक केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) स्थापित किया है. नए कानून के अनुसार, नकली या जाली या मिलावटी उत्पाद बेचने पर अब दुकानदार को छह महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और ग्राहक को 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. वहीं, सामान्य मामले में ग्राहक को 1 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है.
यदि बेचे गए उत्पाद से उपभोक्ता को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्षति पहुँचती है, तो विक्रेता को सात वर्ष की कैद और उपभोक्ता को 5 लाख रुपये तक मुआवजा दिया जा सकता है. इतना ही नहीं यदि ऐसे उत्पादों की वजह से उपभोक्ता की मौत हुई तो उसके परिवार वालों को 10 लाख रुपये तक मुआवजा मिल सकता है और विक्रेता को उम्रकैद की सजा मिल सकती है. नए अधिनियम में ग्राहकों को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी. नए अधिनियम में पहली बार ऑनलाइन और टेलीशॉपिंग कंपनियों को भी शामिल किया गया है.
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