नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश करते हुए कहा है कि सरकार अगले वित्त वर्ष 2021-22 में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। सोमवार को लोकसभा में आम बजट 2021-22 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में सरकार का खर्च 34.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इनमें 5.54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय है। सीतारमण ने कहा कि राज्यों को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप टैक्स में 41 फीसद का हिस्सा मिलेगा। सरकार ने इन सिफारिशों को मंजूर कर लिया है।
उन्होंने कहा कि अपना अधिकतर कारोबार डिजिटल तरीके से करने वाली कंपनियों के लिए टैक्स ऑडिट से छूट की सीमा को दोगुना कर दिया गया है। अब 10 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को इससे रियायत मिलेगी। सीतारमण ने कहा कि लाभांश के भुगतान के बाद ही लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी बनेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का बुनियादी ढांचा क्षेत्र में ज्यादा विदेशी निवेश हासिल करने के लिए नियमों को उदार करने का प्रस्ताव है।
निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एक अप्रैल से आरंभ हो रहे अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 6.8 फीसद रहने का अनुमान है। हालांकि, मौजूदा वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़कर 9.5 फीसद के ऊंचे स्तर पर पहुंच सकता है। कोरोना महामारी के बीच खर्च में वृद्धि तथा राजस्व घटने के बीच 2020-21 में राजकोषीय घाटा लक्ष्य से कहीं ज्यादा रहने का अनुमान है।
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