नई दिल्ली: सरकार एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार कई विकल्पों पर मंथन कर रही है. केंद्र सरकार एयर इंडिया का कर्ज घटाने विनिवेश की प्रक्रिया को आगे खिसकाने के संबंध में भी सोच रही है, ताकि निवेशकों को रिझाया जा सके.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि सरकार कोरोना महामारी से प्रभावित मौजूदा आर्थिक हालात में एयरलाइन के कर्ज को कम करने पर विचार कर रही है, ताकि इसमें रुचि रखने वाले पक्षों के लिए इसे ज्यादा आकर्षक बनाया जा सके. बता दें कि 31 मार्च, 2019 तक एयर इंडिया का कर्ज 58,255 करोड़ रुपये था. सरकार ने एयरलाइन कंपनी को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाने के लिहाज से इसके कर्ज में से 29,464 करोड़ रुपये एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (AIAHL) नामक सरकारी स्वामित्व वाली विशेष उद्देश्यीय कंपनी में ट्रांसफर कर दिये गए हैं.
एक अन्य सरकारी अधिकारी ने बताया है कि एयर इंडिया का ऋण कम करने के बारे में सरकार विचार कर रही है ताकि इसमें दिलचस्पी रखने वाली पार्टियों के लिए इसे अधिक आकर्षक बनाया जा सके. कोरोना महामारी के मौजूदा परिवेश में कंपनी पर भारी कर्ज बोझ के कारण हो सकता है निवेशक आनाकानी कर रहे हों. एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा बोली लगाने के लिए मोहलत दिए जाने की संभावना है, इससे विनिवेश प्रक्रिया आगे खिसक सकती है. बता दें कि इस सरकारी एयरलाइन कंपनी के विनिवेश के लिए बोलियां देने की समय सीमा इस वर्ष पहले ही चार बार आगे खिसकाई जा चुकी है.
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