अहमदाबाद: कांग्रेस नेता राहुल गाँधी मानहानि मामले में याचिका पर सुनवाई से गुजरात उच्च न्यायालय की जज गीता गोपी ने खुद को अलग कर लिया है। बता दें कि, इसके पहले राहुल ने सूरत कोर्ट द्वारा 2 साल जेल की सजा सुनाए जाने के खिलाफ सूरत सेशन कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जो खारिज कर दी गई थी। इसके बाद राहुल ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। अब इस मामले की सुनवाई गुजरात हाईकोर्ट की दूसरी बेंच करेगी।
दरअसल, राहुल गाँधी ने सूरत सेशन कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मानहानि मामले में 2 साल की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। 20 अप्रैल 2023 को इस पर सुनवाई हुई और सेशन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। जिससे मानहानि मामले में उनकी दो साल की सजा अब ही बरकरार है। अब इस मामले में राहत के लिए उन्होंने मंगलवार (25 अप्रैल) को उच्च न्यायालय का रुख किया था। लेकिन, इस मामले की सुनवाई से पहले ही न्यायमूर्ति गीता गोपी ने खुद को अलग कर लिया है। अब गुजरात उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) एजे देसाई यह निर्धारित करेंगे कि मामले की सुनवाई कौन जज करने वाले हैं।
क्या है पूरा मामला:-
बता दें कि, 13 अप्रैल 2019 को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कर्नाटक की एक रैली में भाषण देते हुए कहा था कि, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी इन सभी के नाम में मोदी लगा हुआ है। सभी चोरों के नाम में मोदी क्यों लगा होता है।' इस बयान के बाद भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ सूरत में केस दर्ज कराया था। राहुल गाँधी के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज हुआ था, जो आपराधिक मानहानि से संबंधित है। लगभग 4 वर्षों के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गाँधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल जेल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद नियमों के मुताबिक, राहुल की लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी।