कोलकाता: टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने बीसीसीआइ के एक फैसले को नज़रअंदाज़ कर दिया है, शमी को उनकी इस गलती के लिए गंभीर खामिजा भी उठाना पड़ सकता है. बीसीसीआइ ने मोहम्मद शमी को रणजी मैच की पारी में 15 से 17 ओवर से अधिक गेंदबाजी न करने के लिए कहा था. बोर्ड ने ये फैसला ऑस्ट्रेलिया के आगामी दौरे को देखते हुए लिया था, लेकिन शमी ने रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेलते हुए इस फैसले को नहीं माना और 26 ओवर गेंदबाजी कर डाली.
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दरअसल, शमी ऑस्ट्रेलिया में होने वाली टेस्ट टीम का हिस्सा हैं और अगर वे इस अहम सीरीज़ से पहले रणजी ट्रॉफी खेलते हुए अनफिट हो गए तो ये टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका साबित होगा. बोर्ड ने एहतियात के तौर पर शमी को 15 से 17 ओवर से अधिक गेंदबाजी न करने के लिए कहा था. दरअसल, शमी की फिटनेस उनके करियर के शुरू से ही चिंता का विषय रही है, एक दो बार तो ऐसा भी हुआ है कि उन्होंने चोट से उबरकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला मैच ही खेला और वे फिर अनफिट हो गए. लेकिन शमी ने इस बार बोर्ड की हिदायत नहीं मानी अब अगर वो अनफिट हो गए तो पूरे ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर हो सकते हैं और इसका प्रभाव टेस्ट सीरीज पर पड़ सकता है.
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26 ओवर गेंदबाज़ी करने के बाद शमी ने कहा कि यह उनका ही फैसला’ था. शमी ने मैच के दूसरे दिन बुधवार को 26 ओवर में 100 रन देकर तीन विकेट लेने के बाद संवाददाताओं से कहा जब आप अपने राज्य के लिए खेलते हैं तो आपको जिम्मेदारी भी निभानी होती है. उन्होंने कहा मैं अच्छा महसूस कर रहा था और मुझे कोई परेशानी नहीं थी. उन्होंने कहा कि मुझे विकेट से मदद मिल रही थी इसलिए मैं जितनी गेंदबाजी कर सकता था उतनी गेंदबाज़ी मैंने की.
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