'मोहम्मद यूनुस सेक्युलर आदमी, वे दरार नहीं आने देंगे..', बांग्लादेश हिंसा के बीच शरद पवार ने की अंतरिम प्रमुख की तारीफ

'मोहम्मद यूनुस सेक्युलर आदमी, वे दरार नहीं आने देंगे..', बांग्लादेश हिंसा के बीच शरद पवार ने की अंतरिम प्रमुख की तारीफ
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मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के प्रमुख शरद पवार ने आज सोमवार (12 अगस्त) को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख, मोहम्मद यूनुस, एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं और वह सुनिश्चित करेंगे कि देश में विभिन्न समुदायों के बीच कोई तनाव न हो। शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, और मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। यह हिंसा कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के विरोध से शुरू हुई और धीरे-धीरे शेख हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विद्रोह में बदल गई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें सत्ता से हटना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि, मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, "मेरी जानकारी के अनुसार, यूनुस एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं और वह कभी भी समुदायों या भाषाई समूहों के बीच दरार पैदा नहीं करेंगे। बांग्लादेश के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है, और ऐसा लगता है कि वहां की स्थिति में सुधार हो सकता है।" पवार ने यह भी कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में स्थिति सुधारने में मदद करेगी। बांग्लादेश में हिंसा की स्थिति भले ही पहले के मुकाबले शांत हो गई हो, लेकिन वहां के हालात अब भी गंभीर हैं। अवामी लीग पार्टी के समर्थक करीम उल हक ने बताया कि उस दिन उपद्रवियों ने पार्टी के दफ्तर को नुकसान पहुंचाया और लाखों रुपये का सामान लूट लिया। पार्टी की मुखिया शेख हसीना के कमरे सहित पार्टी के मीटिंग हॉल और बिल्डिंग के अन्य हिस्सों को या तो जला दिया गया है या फिर तोड़-फोड़ दिया गया है। वहीं, हिन्दुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है, बांग्लादेश के प्रसिद्ध इस्कॉन टेम्पल में तोड़फोड़ मचाई गई है, और हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ गीता को कट्टरपंथियों द्वारा जला दिया गया है। 

बांग्लादेश की सड़कों पर पुलिस की कमी देखी जा रही है। शहर के बीचों-बीच स्थित पुलिस हेडक्वार्टर भी वीरान पड़ा है, जिसकी सुरक्षा अब बांग्लादेश की सेना कर रही है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों पर पत्थरबाजी हुई और पुलिस हेडक्वार्टर को भी निशाना बनाया गया, जिससे वहां भारी नुकसान हुआ है। रविवार को कुछ पुलिसकर्मी, जो अपनी नौकरी पर फिर से लौटना चाहते हैं, हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन करते देखे गए।

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