नई दिल्ली: राम मंदिर का मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है. एक ओर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने चुनाव तक इस मामले में कोई कार्रवाई न करने की घोषणा की है, वहीं अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने भी कुछ ऐसा ही ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद चाहे सरकार किसी की भी बने, संघ मंदिर निर्माण शुरू कर देगा. लेकिन वर्तमान में चुनाव तक मंदिर मामले पर शोर नहीं मचने वाला है.
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इससे पहले मंदिर मामले को लेकर बड़ी धर्मसभाओं का आयोजन कर चुकी विहिप ने भी चुनाव तक मंदिर मामले पर कुछ भी न करने की बात कही थी. विहिप की ओर से कहा गया था कि लोकसभा चुनाव तक वो मंदिर निर्माण के बारे में बात नहीं करेंगे. चुनाव के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा. राम मंदिर को लेकर विहिप और आरएसएस कई बार बड़े दावे कर चुके हैं. पहले सरकार पर दबाव डालने की कोशिश हो रही थी कि इसके लिए जल्द कोई बड़ा कदम उठाया जाए. किन्तु अब अचानक से मंदिर मुद्दे पर इन संगठनों का यू टर्न सवालिया निशान लगाता है.
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क्या फिर से राम मंदिर का मामला आगामी लोकसभा चुनावों तक ठंडे बस्ते में चला जाएगा? क्या कई वर्षों से चली आ रही परंपरा की तरह इस बार भी बस ये एक चुनावी मुद्दा ही बन कर रह जाएगा? इन सभी सवालों के जवाब अब लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद ही मिल पाएंगे.
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