भोपाल: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत बुधवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में थे, वे यहाँ के मऊसहानियां इलाके में महाराजा छत्रसाल की 52 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण समारोह में पहुंचे थे. उन्होंने यहाँ जनता को सम्बोधित करते हुए एक बार फिर अयोध्या के विवादित राम मंदिर मुद्दे के बारे में अपनी राय रखी.
उन्होंने कहा कि "राम मंदिर का निर्माण सिर्फ इच्छा नहीं, संकल्प है. राम मंदिर बनाने वालो को कुछ न कुछ करना होगा, राम मंदिर निर्माण कब होगा मूल प्रश्न यही है, इस निमित्त हमें अपने आप को तैयार करना होगा". भागवत ने वर्तमान समय को राम मंदिर निर्माण का सबसे अनुकूल समय बताते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण का कार्य तभी संभव है, जब हम सब लोग राम की तरह बन जाएं.
भागवत ने महाराजा छत्रसाल के बारे में जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी भी कार्य को करने के पहले हमारे ह्रदय में भय नहीं होना चाहिए, क्योंकि भय हमारे संकल्प को कमज़ोर कर देता है. महाराज छत्रसाल को भय दूर-दूर तक नहीं था इसीलिए चंद साथियों के साथ दुश्मनों से भिड़ जाने में वे माहिर रहे. प्रतिमा के अनावरण समारोह में एक दिलचस्प बात यह रही कि इसमें मोहन भागवत के साथ केवल धर्मगुरुओं ने मंच साझा किया, यहाँ तक की छत्रसाल के वंशजों को भी भागवत के साथ बैठने नहीं दिया गया.
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