उज्जैन: RSS के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बुधवार को महाकाल के दर्शन किए। तत्पश्चात, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में जल स्तंभ का अनावरण किया। मंदिर में 5 दिसंबर से सुजलाम जल महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत चतुर्वेद पारायण भी किया जा रहा है। जल स्तंभ का निर्माण 60 किलो चांदी से हुआ है।
संघ प्रमुख डॉ. भागवत पर्यावरण पर भारतीय ज्ञान परंपरा आधारहित समकालीन विमर्श स्थापित करने के लिए पंच महाभूत के जलतत्व पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार सुजलाम के सारस्वत सत्र में मेहमान हैं। जो कि इंदौर रोड स्थित मालगुड़ी डेज में आयोजित सेमिनार में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत विशिष्ट अतिथि के रूप में हिस्सेदारी करेंगे। अध्यक्षता न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, अध्यक्ष राष्ट्रीय हरित अभिकरण करेंगे। समारोह में स्वामी अदृश्य काग सिद्धेश्वरजी महाराज मठाधिपति कनेरी मठ, कोल्हापुर का सान्निध्य भी मिलेगा। साथ ही निवृत्तमान सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सुरेश भैय्याजी जोशी भी मार्गदर्शन देंगे। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने जिस स्तंभ का अनावरण किया है, उसका निर्माण तकरीबन 60 किलो चांदी से हुआ है। महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में चांदी से बनी स्तंभ के चलते अब मंदिर प्रांगण की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं। महाकालेश्वर मंदिर में संभवतः यह देश का प्रथम जल स्तंभ स्थापित किया गया है। जल स्तंभ में चार वेद में जल तत्व कि अहमियत बताते चार ऋचाओं का अंकन किया गया है।
वही इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी तेज गेंदबाज श्री संत एवं हिंदुस्तानी भाऊ भी आज प्रातः उज्जैन पहुंचे, यहाँ उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन किए. महाकाल बाबा का आशीर्वाद लिया.
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