भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी में आज, मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नई तबादला नीति पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, किन्तु 25 सितंबर से सोयाबीन की खरीद MSP पर आरम्भ करने का बड़ा फैसला किया गया। बैठक की जानकारी उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने दी।
इसके अतिरिक्त, विधायकों के नवीन आवास, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष द्वारा स्वयं इनकम टैक्स भरने जैसे कई प्रस्तावों को अनुमति दी गई। अगली कैबिनेट बैठक 5 अक्टूबर को दमोह के जबेरा विधानसभा क्षेत्र में सिंग्रामपुर में होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित सभी कैबिनेट मंत्री सम्मिलित होंगे। यह बैठक रानी दुर्गावती को समर्पित की जाएगी, क्योंकि इस साल 5 अक्टूबर को रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती है। इस बैठक को उपचुनाव की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले:
सागर के बाद रीवा, होशंगाबाद और शहडोल में रीजनल इन्वेस्टर्स समिट होगी। 27 सितंबर को सागर में यह समिट होगी, जिससे मध्य प्रदेश में निवेश आएगा।
सोयाबीन उपार्जन नीति को मंजूरी दी गई, जिसमें समर्थन मूल्य 4892 रुपये तय किया गया है।
25 सितंबर से 20 अक्टूबर तक किसानों का पंजीकरण होगा, और 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक सोयाबीन की खरीद होगी। 1400 उपार्जन केंद्र बनाए जाएंगे।
एमपी वेयरहाउसिंग से इसके भंडारण की व्यवस्था की जाएगी। मार्कफेड द्वारा उपार्जन किया जाएगा। भारत सरकार ने 13.68 मीट्रिक टन उपार्जन की स्वीकृति दी है। इसके अतिरिक्त जो भी खरीद होगी, उसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। केंद्रीय पूल में सोयाबीन देने के बाद जो उपज बेची जाएगी, उसे खुले बाजार में नीलाम किया जाएगा। इससे प्राप्त राशि मार्कफेड को दी जाएगी और अंतर की राशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाएगी।
विधायकों के लिए नवीन विश्रामगृह बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 169.13 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। पुराने पारिवारिक खंड क्रमांक 1 और शॉपिंग सेंटर को हटाकर 3 ब्लॉक में 102 आवास बनाए जाएंगे। पहले चरण में दो ब्लॉकों को तोड़कर निर्माण होगा। प्रत्येक आवास का क्षेत्रफल 2615 वर्ग फीट होगा, और इसका निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अब अपना इनकम टैक्स स्वयं भरेंगे।
नीमच में फोरलेन के लिए 133 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
उज्जैन में कान्ह नदी पर कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना की पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है।
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