भोपाल। मोहन सरकार ने साल 2024 खत्म होते-होते तो 9वीं बार कर्ज़ लिया ही था, पर साल की शुरआत भी उन्होंने कर्ज़ के साथ ही की है। मोहन सरकार ने 1 जनवरी को फिर से 5000 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया है। इससे सात दिन पहले क्रिसमस के समय यानी 24 दिसंबर को भी उन्होंने RBI से 5000 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया था। यह कर्ज़ उन्होंने दो किश्तों में लिया है। इस कर्ज़ की प्रक्रिया RBI के ई-कुबेर सिस्टम के जरिए पूरी हुई है। RBI ने मोहन यादव को यह कर्ज़ वापस करने की अवधि वर्ष 2038 -2047 तक की दी है। इस समय तक राज्य सरकार को इस कर्ज़ का भुगतान पूरे ब्याज के साथ करना होगा। इसी के साथ मध्य प्रदेश देश के सबसे कर्ज़दार राज्यों की सूचि में 9वें स्थान पर आ गया है।
मोहन यादव ने लिया 1 साल में सबसे ज्यादा कर्ज़
मोहन यादव ने पिछले 6 महीनों में 9 बार कर्ज़ लेकर, पिछले एक साल में राज्य पर और 30 करोड़ रुपए का कर्ज़ चढ़ा दिया है। मध्य प्रदेश द्वारा लिया गया अभी तक का यह सबसे ज्यादा कर्ज है। इसी के साथ राज्य पर अब कुल 4.5 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज़ बकाया है, जो उसे केंद्र सरकार को वापस देना है।
जनता पर है करोड़ो का कर्ज़
मध्य प्रदेश द्वारा लगातार कर्ज़ लेने की वजह से राज्य की जनता भी कर्ज़दार बन चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस 5000 करोड़ कर्ज के बाद अब मध्यप्रदेश के हर एक रहवासी पर सरकार का कर्ज़ चढ़ चूका है। जाहिर है, जनता को अपना यह कर्ज़ बढे हुए कर के माध्यम से चुकाना पड़ेगा।
मोहन यादव से कांग्रेस कर रही सवाल
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज की चिंता को लेकर, कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। हाल ही में हुए विधानसभा सत्र के समय कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन को लेकर आरोप लगाए थे। साथ ही, सप्लीमेंट्री बजट के दौरान मोहन सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज का हिसाब मांगा था। विधानसभा में कांग्रेस उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मोहन पर तंज कस्ते हुआ कहा था कि, सरकार कर्ज़ लेकर योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार कर रही है। कर्ज कम कैसे हो इसको लेकर सरकार के काम काज में कोई दूरदृष्टि दिखाई नहीं देती है। इसी वजह से प्रदेश में पैदा होने वाले हर बच्चे पर अब 50 हजार रुपए का कर्ज होते जा रहा है। कांग्रेस के इन सवाल पर भाजपा के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जवाब दिया कि, सरकार जो भी कर्ज ले रही है, वह प्रदेश की जरूरतों के लिए ले रही है। जो कर्ज लिया जा रहा है, उसे समय पर चुका दिया जाएगा।
मोहन सरकार ने लाड़ली बहना को ठराया ज़िम्मेदार
दिसंबर 2024 में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मोहन यादव ने यह स्वीकारा कि लाड़ली बहना योजना राज्य के लिए एक आर्थिक तनाव है। अब तक राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 1.29 करोड़ लाभार्थियों को 19,212 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालाकिं, इसके बावजूद उनकी सरकार ने इस योजना को जारी रखने का फैसला किया है क्योंकि यह महिला सशक्तीकरण में एक गेमचेंजर साबित हुई है।