नई दिल्ली: विज्ञापनों पर पानी की तरह पैसा बहाने के आरोप दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर अक्सर लगते रहते हैं, अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगा दी है। दरअसल, केजरीवाल सरकार ने अदालत में कहा था कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिए उसके पास पैसा नहीं है। इस जवाब से असंतुष्ट शीर्ष अदालत ने केजरीवाल सरकार को पिछले 3 वर्षों में विज्ञापन पर किए गए खर्च की पूरी जानकारी 2 सप्ताह के अंदर पेश करने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट को लेकर शीर्ष अदालत के न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की पीठ सोमवार (3 जुलाई 2023) को सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान केजरीवाल सरकार की तरफ से अदालत में कहा गया कि इस प्रोजेक्ट के लिए फंड देने में वह असमर्थ है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा कि, 'क्या आप चाहते हैं कि हम यह देखें कि किस फंड का उपयोग कहाँ किया गया है। क्या आप इस प्रकार का आदेश चाहते हैं कि विज्ञापन के लिए रखा गया पूरा फंड इस प्रोजेक्ट में लगाया जाना चाहिए। आप कोर्ट को ऐसा करने के लिए ही कह रहे हैं।' इसके बाद अदालत ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए फंड देने में असमर्थता जाहिर की है। फंड की कमी होना एक बड़ी समस्या है। इसलिए यह कोर्ट दिल्ली सरकार को 2 हफ्ते के अंदर एक हलफनामा दाखिल करने का आदेश देती है। हलफनामे में विगत 3 वर्षों में विज्ञापन पर किए गए खर्चों की पूरी जानकारी होना चाहिए।
इस पर, दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट से कहा कि, 'कोरोना महामारी के चलते हालत काफी खराब हो चुकी है। वर्ष 2020 में ही हमने कहा था कि हमारे पास पैसा नहीं है।' इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'क्या प्रोजेक्ट के लिए एक बार में ही पूरा फंड देने की जरूरत है? यह एक विकासकारी परियोजना है। हालाँकि फंड का मुद्दा राज्य सरकार का है। मगर, जब यह कहा जा रहा है कि इस प्रकार की परियोजनाओं के लिए फंड है ही नहीं, तब हम यह जानना चाहते हैं कि आपने विज्ञापन जैसी किसी चीज पर कितना खर्च किया है।'
क्या है RRTS प्रोजेक्ट ?
RRTS प्रोजेक्ट के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को हरियाणा और राजस्थान से जोड़ने की योजना है। इस प्रोजेक्ट के तहत कम्प्यूटर द्वारा संचालित हाई स्पीड ट्रेनों की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही मुख्य रूप से इन ट्रेनों के जरिए माल ढुलाई करने की प्लानिंग है। 180 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ़्तार से चलने वाली ट्रेनों से लेकर सफर और माल ढुलाई जल्दी होगी। बल्कि ट्रैफिक की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। RRTS के अंतर्गत बन रहे दिल्ली-मेरठ-गाजियाबाद रूट का कार्य अंतिम चरण में है।
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