नई दिल्ली : व्यापार की आड़ में फर्जी कारोबारियों व कंपनियों के नाम पर हवाला के जरिये पाकिस्तान से करोड़ों रुपए कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत को पहुंचाए जाने का मामला सामने आने के बाद सोमवार से NIA द्वारा जांच की जा रही है. इसमें नए -नए खुलासे सामने आ रहे हैं. गौरतलब है कि हुर्रियत कांफ्रेंस के फारुक डार उर्फ ‘बिट्टा कराटे’, नईम खान और तहरीक-ए-हुर्रियत के जावेद अहमद बाबा उर्फ ‘गाजी’ पूछताछ के लिए एनआईए के ऑफिस आए. डार, अहमद और खान से बैंक और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और अन्य कागजात लाने को कहा गया था.
तीनों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की गई जिसमें तीनों ने राज खोला है कि 2008 से 2016 के बीच कुछ कारोबारी कंपनियों के जरिए पुंछ और उड़ी के रास्ते व्यापार के नाम पर 1550 करोड़ रुपए कश्मीर लाए गए, जिसमें हवाला के तार पुरानी दिल्ली में बल्लीमारन और चांदनी चौक के हवाला आॅपरेटरों से जुड़े होने की जानकारी मिली है. इसकी पुष्टि के लिए एनआई ए की पांच सदस्यीय टीम ने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर सहित अन्य शहरों से ख़ास सबूत जुटाए हैं.
इस बारे में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पुष्टि की है कि कश्मीर में अलगाववादियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की धरती से फंडिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अब इस बारे में निर्णायक फैसला लेगी. स्थानीय चार दर्जन कारोबारियों और दो दर्जन फर्जी कंपनियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके नाम पर धन लाया गया. इस मामले में कई कश्मीरी कारोबारियों को दिल्ली तलब किया जा सकता है. बता दें कि इनमें से अधिकांश व्यापारी पाकिस्तानी कारोबारियों से दुबई और पेरिस में मुलाकात कर धन भेजने की योजनाएं बनाते थे. व्यापार की आड़ में हुर्रियत के नेताओं और हिज्बुल के आतंकवादियों को धन पहुंचाया गया.
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