बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक बांध के ओवरफ्लो होने से 50 से अधिक बंदरों की 'मौत' हो गई है। बंदरों की मौत जल संसाधन और वन विभाग की लापरवाही का नतीजा बताई जा रही है। घटना भावासा गांव की है। भावासा सिंचाई परियोजना के तहत भारी बारिश के कारण बांध का पानी अचानक भर गया था। जिसके कारण अनुमानतः 50 से 60 के बीच बंदरों का एक समूह पेड़ों पर फंस गया। कथित तौर पर बंदर कई महीनों तक पेड़ों पर फंसे रहे और पेड़ की पत्तियां खाकर जीवित रहे। जैसे-जैसे भोजन कम होता गया, बंदर मरने लगे।
ग्रामीणों ने कहा कि अभी भी 5 से 6 बंदर इलाके में पेड़ों पर फंसे हुए हैं। बुरहानपुर के भावासा गांव में जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने और जल स्तर बढ़ाने के लिए एक बांध का निर्माण किया गया था। हालांकि, अचानक हुई बारिश के कारण बांध भर गया और करीब 50 से 60 बंदर इमली के पेड़ों पर फंस गये। ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने बार-बार जल संसाधन विभाग और वन विभाग को घटना की जानकारी दी, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों के अनुसार, बंदर इमली की पत्तियां और फल खाकर महीनों तक जीवित रहे। पेड़ों की पत्तियां भी खत्म हो गईं तो 50 से ज्यादा बंदरों की मौत हो गई। तैरने की कोशिश में कुछ बंदर पानी में डूब गये और कुछ भूख से मर गये। फिलहाल चार से पांच बंदर ही जीवित बचे हैं और बेहद कमजोर हो गए हैं।
बता दें कि बंदर वन्यजीव संरक्षण के अंतर्गत आते हैं और वन विभाग को इन्हें बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वन एवं जल संसाधन विभाग द्वारा समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो बचे हुए बंदरों की भी मौत हो सकती है। उप वन अधिकारी (DFO) अजय सागर ने कहा इस बारे में कहा है कि यह घटना पुरानी नहीं है और हाल ही में जलस्तर बढ़ने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने 50 बंदरों की मौत के दावे का भी खंडन किया और कहा कि ग्रामीण इस मुद्दे पर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामला अधिकारियों के संज्ञान में आ गया है और बंदरों को बचाने के लिए एक टीम भेजी जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बंदरों को कोई नुकसान नहीं होगा।
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