मानसून का मौसम आ गया है और यह चिलचिलाती गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी लेकर आता है। बारिश का मौसम संक्रमणों के लिए अनुकूल होता है और अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है। नारायण अस्पताल की डाइटीशियन पायल शर्मा मानसून के मौसम में बाहर का खाना खाने से सावधान करती हैं, क्योंकि इससे बैक्टीरिया पनप सकते हैं और संक्रमण हो सकता है। अगर समझदारी से न चुना जाए तो हरी सब्ज़ियाँ भी हानिकारक हो सकती हैं। आइए जानें कि मानसून के मौसम में किन हरी सब्ज़ियों से बचना चाहिए।
शिमला मिर्च
नूडल्स और स्टार्टर्स में शिमला मिर्च एक आम सामग्री है, लेकिन मानसून के मौसम में इनका सेवन न करना ही बेहतर है। शिमला मिर्च की ठंडी प्रकृति पाचन को बाधित कर सकती है और पित्त दोष को बढ़ा सकती है।
फूलगोभी
मानसून के मौसम में एक लोकप्रिय विकल्प है, लेकिन यह पाचन संबंधी समस्याओं और वात दोष को बढ़ा सकता है। फूलगोभी के पकौड़े या पराठे खाने से बचें और इसके बजाय स्वस्थ विकल्प चुनें।
पालक
पालक में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, लेकिन मानसून के मौसम में इसे खाने से बचना चाहिए। पालक खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण हो सकता है और वात और पित्त दोष बढ़ सकता है।
पत्तागोभी
अगर आप मानसून के मौसम में पत्तागोभी खा रहे हैं, तो इसे बंद कर दें। पत्तागोभी पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है और वात दोष को बढ़ा सकती है। बरसात के मौसम में पत्तागोभी में कीड़े होने का खतरा भी अधिक होता है।
निष्कर्ष के तौर पर, जबकि हरी सब्जियाँ हमारे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं, मानसून के मौसम में उन्हें समझदारी से चुनना ज़रूरी है। शिमला मिर्च, फूलगोभी, पालक और पत्तागोभी खाने से बचें और इसके बजाय हरी बीन्स, करेला और कद्दू जैसे स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनें। इन सावधानियों को बरतकर आप अपने स्वास्थ्य को बरकरार रख सकते हैं और बिना किसी चिंता के मानसून के मौसम का आनंद ले सकते हैं।
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