नई दिल्लीः देश में इस बार मानसून में जबरदस्त बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण देश के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके कारण भारी संख्या में जानमाल का नुकसान हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आकंड़ा के अनुसार, देश में बीते 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी मानसूनी बारिश इस बार जून से 29 सितंबर तक 1673 लोगों की जान ले चुकी थी। उसके बाद भी कुछ लोगों की जान जाने की जानकारियां आई हैं, जिसके चलते यह आंकड़ा 1700 के पार पहुंचता दिखाई दे रहा है।
सरकारी डाटा के अनुसार, इस बार अभी तक 50 साल के औसत से 10 फीसदी ज्यादा पानी बरस चुका है, जो बीते 25 सालों में सबसे अधिक रहा है। इस अतिरिक्त बारिश का सबसे भयावह असर उत्तर प्रदेश और बिहार में देखने को मिला है, जहां बीते शुक्रवार से अब तक तकरीबन 144 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। गंगा के किनारे बसी बिहार की राजधानी पटना के करीब 20 लाख निवासियों को गलियों में कमर तक जलभराव के कारण रोजमर्रा की वस्तुओं से भी महरूम होना पड़ा है।
दीवार या भवन गिरने जैसे बाढ़ जनित हादसों में इस बार सबसे अधिक 371 लोगों को महाराष्ट्र में अपनी जान गंवानी पड़ी है। भारतीय मौसम विभाग ने 10 अक्तूबर तक मानसून का असर खत्म होने का अनुमान जारी किया है। इससे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में थोड़ा राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि इस हिसाब से अमूमन एक जून से एक सितंबर तक चलने वाला चार महीने लंबा मानसूनी सीजन इस बार तकरीबन एक महीना देरी से खत्म होगा। इससे पहले 1961 में मानसून सबसे देरी से खत्म हुआ था।
उस साल एक अक्तूबर तक मानसूनी बारिश दर्ज की गई थी। बता दें कि इन दिनों बिहार में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। केंद्र सरकार ने बिहार में बड़े पैमाने पर बाढ़ से बचाव अभियान चालू कर दिया है। एनडीआरएफ की 20 टीमों को बचाव कार्य के लिए भेजा गया है, जबकि एयर फोर्स के दो हेलिकॉप्टरों को भी लोगों को बचाने के लिए तैनात किया गया है। उधर बिहार के एक मंत्री ने राज्य के हित के लिए फरक्का बांध को नष्ट करने की मांग उठाई है।
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