नई दिल्ली: इस बार मानसून की आवक में करीब 7 दिन की देरी होगी। हालांकि मानसून केरल के तटीय क्षेत्र में जून के प्रथम सप्ताह तक पहुंच सकता है लेकिन इसमें करीब 7 दिन की देरी जरूर हो सकती है। इस तरह से मानसून करीब 7 दिन विलंब से पहुंच सकता है। मौसम विभाग के विशेषज्ञ ने बताया है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
मानसून एक्टिविटीज़ मानूसन के आगमन से पांच दिन पहले या फिर बाद में प्रारंभ हो जाती हैं। दरअसल मानसून को लेकर भविष्यवाणियां करने वाले विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि मानसून जब केरल पहुंचता है तो यह माना जाता है कि इंडियन सबकॉन्टिनेंटल में यह पहुंच गया है।
इस तरह से इस क्षेत्र में बारिश का प्रारंभ भी माना जाता है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा कहा गया कि मानसून के पहुंचने का जब अनुमान लगाया जाता है तो तारीख करीब चार दिन आगे या फिर पीछे भी हो सकती है। मौसम विभाग का यह मानना है कि यदि केरल में मानसून लेट आता है तो फिर इसका अर्थ यह नहीं है कि देश के अन्य भागों में भी वह देरी से आएगा।
मानसून का अन्य क्षेत्रों में होना हवा के दबाव, मौसमी परिस्थितियों पर भी निर्भर होता है। माना जा रहा है कि इस बार उत्तर पश्चिम में मानूसन अधिक सक्रिय रहेगा। विभाग द्वारा कहा गया है कि उत्तर भारत और मध्यभारत में तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।