नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच किसान आंदोलन ने सरकार की परेशानियों को और अधिक बढ़ा दिया है वही इस बीच 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने वाले अन्नदाताओं का कहना है कि वह मानसून सत्र के चलते रोजाना लगभग 200 किसान संसद के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसी क्रम में आज अन्नदाताओं की दिल्ली पुलिस के अफसरों के साथ बैठक है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि बैठक के चलते अन्नदाताओं को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने की पेशकश की जाएगी।
आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक है, बैठक में 22 जुलाई के कार्यक्रम की चर्चा होगी। 22 जुलाई को हमारे 200 लोग संसद जाएंगे। हमने विपक्ष के लोगों से भी कहा है कि वो अपनी बात सदन में उठाएं: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmLaws pic.twitter.com/uiagxf4VCu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 18, 2021
वही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर बताया कि आज यानी रविवार को उनकी दिल्ली पुलिस के अफसरों के साथ बैठक है। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को उनके 200 व्यक्ति संसद जाएंगे। उन्होंने विपक्ष के व्यक्तियों से भी अपनी बात सदन में उठाने को बोला।
3 नए कृषि कानूनों को स्थगित करने की मांग को लेकर मानसून सत्र के चलते संसद के समक्ष किसान धरना-प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, इससे पूर्व रविवार को दिल्ली पुलिस के अफसर अन्नदाताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करेंगे। गणतंत्र दिवस की घटना के पश्चात् अन्नदाताओं के संसद के समक्ष विरोध करने वाले इस घोषणा ने तमाम सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। कृषि कानून के खिलाफ अन्नदाताओं के द्वारा 26 जनवरी को निकाली गई ट्रैक्टर रैली के चलते प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ कर सेंट्रल दिल्ली में जबरन घुसे। यहां तक की लाल किले की प्राचीर पर अपना अपना झंडा भी लहराया।
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