मानसून के सक्रीय होने में थोड़ा और समय लग सकता है. इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून छत्तीसगढ़ में समय से पहले ही पहुंच गया था. मानसून समय से पहले पहुंचने के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि मानसून प्रदेश में जल्दी सक्रीय हो जाएगा. मानसून के सक्रीय होने में इसलिए भी समय लग रहा है क्योंकि खाड़ी में कोई बड़ा सिस्टम नहीं बन पा रहा है. सिस्टम न बनने समुद्र से ठंडी हवा नहीं उठ रही है. मानसून बीते पांच दिन से एक ही स्थान पर रुका हुआ है.
मानसून 15 जून तक दक्षिण-पश्चिम उत्तराखंड, उत्तरी गुजरात सहित कुछ और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय हो जाता है लेकिन अभी यह मध्य छत्तीसगढ़ से आगे नहीं बढ़ पाया है. मौसम जानकारों का कहना है कि मानसूनी हवा नहीं आ रही है लेकिन उत्तरी भारत और नजदीक के कुछ सिस्टम बने हुए हैं. यहां सिस्टम बनने से समुद्र से कुछ नमी आने की संभावना है. इसके साथ ही शाम या रात में हल्की बारिश की संभावना है.
सिस्टम बाना इसलिए जरुरी होता है क्योंकि इस सीजन में समुद्र में लगातार तूफान उठते रहता है. एक के बाद एक सिस्टम बनते रहते हैं, जिससे समुद्र ही हवा तेजी से आगे बढ़ते हुए पानी से जमीन की ओर बहती है.
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