नई दिल्ली: वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने पहले के अनुमान को काम करते हुए 2.5 फीसद कर दिया है। पहले उसने इसके 5.3 फीसद रहने का अनुमान जाहिर किया था। कारोना वायरस और उसके चलते देश व दुनिया में आवागमन पर रोक को देखते हुए आर्थिक लागत बढ़ी और इसी वहज से देश की वृद्धि दर घटने का अनुमान है।
वर्ष 2019 में वृद्धि 5 फीसद रहने का आकलन है। मूडीज ने कहा है कि अनुमानित वृद्धि दर के हिसाब से भारत में 2020 में आमदन में तेज गिरावट हो सकती है। इससे 2021 में घरेलू मांग और आर्थिक स्थिति में सुधार की दर पहले से ज्यादा प्रभावित हो सकती है। एजेंसी ने कहा है कि भारत में बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पास कैश की भारी कमी के चलते भारत में कर्ज प्राप्त करने को लेकर पहले से ही बड़ी बाधा चल रही है।
मूडीज ने कहा कि 2020 में ग्लोबल इकॉनमी में मंदी आएगी जिसके 2021 में सुधरने की उम्मीद है। एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण आर्थिक लागत काफी बढ़ने के चलते हमने वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर दिया है। मूडीज ने कहा है कि 2020 में ग्लोबल इकॉनमी की वृद्धि दर 0.5 फीसद घटेगी और 2021 में यह बढ़कर 3.2 फीसद पर पहुंच जाएगी। बता दें कि गत वर्ष नंवबर में मूडीज ने अनुमान लगाया था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.6 फीसद रहेगी।
कोरोना का खौफ, RBI ने अपने 50 कर्मचारियों को किया क्वारंटाइन
EPF के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव, निकाल पाएंगे इतनी राशि
सोने की वायदा कीमतों में दिखा उतार-चढ़ाव, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़त बरकरार