रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को मंगलवार को एक बार फिर से घटाकर 5.3 फीसद कर दिया गया । वहीं एजेंसी ने कोरोनावायरस से जुड़े प्रभावों के चलते GDP वृद्धि से जुड़े अनुमान में यह कमी की गई है। वहीं Moody's ने इससे पहले फरवरी में कहा था कि 2020 में भारत की वास्तविक विकास दर 5.4% रह सकती है। उससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 6.6 फीसद की दर से आर्थिक विकास में वृद्धि की संभावना जाहिर की थी।
इसके साथ ही कैलेंडर वर्ष 2019 में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 5.3 फीसद पर रही है । वहीं, 2018 में यह आंकड़ा 7.4 फीसद पर था। इसके साथ ही मूडीज ने कहा कि कोरोनावायरस के तेजी से फैलने और बड़े भौगोलिक क्षेत्र में फैलने के कारण इकोनॉमी को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। वहीं एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि प्रभावित देशों में घरेलू मांग में जबरदस्त कमी आई है और इससे सप्लाई चेन और सामान एवं सेवाओं की आवाजाही बाधित हुई है। इसके साथ ही Moody's ने 2021 में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 5.8 फीसद पर रहने का अनुमान जताया है।
मूडीज ने कहा है, ''कई सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने कोरोना के प्रभाव को कम करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज, रेट कट और रेगुलेटरी मोर्चे पर छूट सहित कई तरह के कदम उठाए हैं। हालांकि, इस संक्रमण को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों से इस पर असर पड़ेगा।'' इसके साथ ही मूडीज ने कहा है कि इस दौरान तेल की कीमतों का व्यापक असर भी दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है । वहीं उसने कहा है, ''ईंधन की कम कीमतों का असर तेल निर्यातक देशों के आर्थिक एवं वित्तीय बुनियाद पर देखने को मिलेगा।''
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