कराची: पाक के बैंकों को चेतावनी देते क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि अगर उनके देश में आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए FATF ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वो अंतरराष्ट्रीय कारोबार खो सकते हैं. वहीं वैश्विक लेन-देने के लिए उन्हें अधिक भुगतान भरना पड़ सकता है. जंहा संयुक्त राष्ट्र की संस्था FATF ने आतंकी फंडिंग रोकने के लिए कुछ बिंदुओं पर कार्रवाई करने के लिए पाक को जून तक का समय दिया जा रहा है.
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि मूडी की निवेश सेवा ने बीते गुरुवार यानी 27 फरवरी 2020 को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाक बैंकों के लिए नकारात्मक एलान इस आधार पर की गई है क्योंकि उनके विदेशी सेवाओं पर और अधिक पाबंदियां लगाए जाने की संभावना है. वहीं इस बात का पता चला है कि पेरिस मुख्यालय वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा तय बिंदुओं पर पाकिस्तान अगर इस साल जून तक कार्रवाई नहीं करता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है. अभी पाकिस्तान 'ग्रे लिस्ट' में है. काली सूची में जाने का मतलब है कि पाकिस्तान को विदेशी वित्तीय संस्थाओं से सहायता और मुश्किल हो सकती है.
जानकारी के अनुसार इस बीच भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि वह अपने इलाकों में चल रहे आतंकी कैंपों को नष्ट करे. इसके साथ ही भारत ने जम्मू कश्मीर में विकास योजनाओं को पटरी से उतारने की पाकिस्तान की साजिशों की भी निंदा की. वहीं इस बात पर भी गौर किया जान चाहिए कि भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों की फंडिंग बंद करे और अपनी जमीन से संचालित आतंकी कैंपों को नष्ट करे. गौरतलब है कि पाकिस्तान पर पड़ा यह चौतरफा दबाव FATF के पेरिस में लिए गए फैसले के ठीक एक हफ्ते बाद सामने आया है.
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