अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी शहर में अक्टूबर 2022 में एक झूला पुल गिरने के मामले में आरोपी ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है. दरअसल, 2022 के मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने के मामले में 1,262 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया है. इस हादसे में 134 लोगों की जान चली गई थी. चार्जशीट में आरोपी के रूप में ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल का नाम शामिल किया गया है.
बता दें कि विगत शुक्रवार को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. पीड़ितों की तरफ से पक्ष रख रहे वकील दिलीप आगेचनिया ने कहा कि आरोप पत्र में से 9 आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं. आरोपियों के अतिरिक्त ओरेवा समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख पटेल का नाम 10वें आरोपी के तौर पर शामिल किया गया. एक मजिस्ट्रेट कोर्ट पहले ही पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुकी थी. मोरबी में मच्छू नदी पर निर्मित ब्रिटिश काल के इस झूला पुल के संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) की थी. यह पुल मरम्मत के कुछ दिन बाद ही 30 अक्टूबर 2022 को ढह गया था.
पुलिस उपाधीक्षक पी एस जाला ने मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान की कोर्ट में 1,200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. जाला मामले के जांच अधिकारी हैं. आगेचनिया ने कहा था कि ओरेवा समूह के जयसुख पटेल को शुक्रवार को मजिस्ट्रेट के सामने दाखिल आरोप पत्र में दसवें आरोपी के रूप में दर्शाया गया, जिनका नाम पुलिस ने FIR में शुरुआत में नहीं दर्ज किया था. 1,200 से ज्यादा पन्नों के आरोप पत्र में 300 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज हैं. पुल हादसे के एक दिन बाद 31 अक्टूबर को मोरबी पुलिस ने ओरेवा समूह के दो प्रबंधकों, दो टिकट लिपिकों सहित 9 लोगों को अरेस्ट किया था.
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