अहमदाबाद: गुजरात के मोरबी में मच्चु नदी पर बने पुल हादसे को लेकर शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दाखिल हुई है. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अगुवाई में SIT गठित करने और जांच कराने की मांग की गई है. PIL में कहा गया है कि ऐसा हादसा दोबारा ना हो इसके लिए पूरे देश में जितने भी पुराने पुल या स्मारक हैं, वहां होने वाली भीड़ को प्रबंधित करने के लिए कड़े नियम बनने चाहिए. बता दें कि इस मामले में अभी तक IPC की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है और 9 लोगों को अरेस्ट किया गया है.
बता दें कि मच्छू नदी पर बने ब्रिज के गिरने से 141 लोगों की जान चली गई है. गुजरात सरकार ने मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो नवंबर को राज्यव्यापी शोक का ऐलान किया है. शीर्ष अदालत के वकील विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दायर की है. इसमें मांग की है कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में SIT का गठन कर इसकी जांच की जाए ताकि हादसा की असलियत बाहर निकलकर आए. इसके अलावा मांग की गई है कि पूरे देश में जितने भी पुराने पुल और स्मारक हैं, वहां पर भीड़ को मैनेज करने के लिए सख्त नियम बनें, ताकि ऐसा हादसा फिर कहीं दोबारा न हो.
हादसे के समय पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर ही थे. उनके कई कार्यक्रम वहां निरस्त कर दिए गए. त्रासदी के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में बैठक हुई. जिसमें फैसला लिया गया कि मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो नवंबर को राज्यव्यापी शोक का ऐलान किया जाए. गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट करते हुए कहा कि, गुजरात सरकार ने 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक मनाने का निर्णय लिया है. राज्य में (राष्ट्रीय) ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई आधिकारिक समारोह नहीं होगा. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है.
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