नई दिल्ली: भारत अपने कोरोना वायरस लॉकडाउन को और दो हफ्तों तक बढ़ाने की घोषणा की है, हालांकि ग्रीन और ऑरेन्ज जोन्स में प्रतिबंधों में कुछ छूट देने की बात कही गई है. 2 मई की शाम तक, भारत में कोरोनावायरस के 37,776 केस और 1,223 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं. 10,018 लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं. वर्तमान में, भारत में 1,000 से अधिक मामले वाले नौ सूबे हैं.
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के सर्वाधिक 11,506 मामले हैं. इसके बाद गुजरात (4,721), दिल्ली (3,738), मध्य प्रदेश (2,719), राजस्थान (2,666), तमिलनाडु (2,526), उत्तर प्रदेश (2,455), आंध्र प्रदेश (1,525) और तेलंगाना (1,057) का नंबर आता हैं. इंडिया टुडे डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर का विश्लेषण किया. जिन राज्यों में 1,000 से अधिक मामले हैं, उनमें पाया गया कि दिल्ली और तमिलनाडु को छोड़कर बाकी राज्यों में जिस रफ्तार से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसकी तुलना में रिकवरी रेट अधिक है.
1,000 से अधिक मामले वाले नौ राज्यों में, तमिलनाडु का रिकवरी रेट सबसे अच्छा है. 2 मई तक, प्रदेश के कुल 2,526 मरीजों में से लगभग 52 फीसद या तो रिकवर हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है. तमिलनाडु के बाद तेलंगाना और राजस्थान का नाम है जहां 42 प्रतिशत रोगी ठीक हुए हैं. दिल्ली में लगभग 31 फीसद लोग रिकवर हुए हैं. आपको बता दें कि देश में केरल और महाराष्ट्र से सबसे पहले कोरोना वायरस मामले मिले थे. किन्तु महाराष्ट्र की तुलना में केरल ने स्थिति को अच्छी तरह से संभाल लिया. 2 मई तक केरल में 498 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 392 यानि 78 फीसद रिकवर हो गए.
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