मैड्रिड: दुनिया भर में कोरोना वायरस का संकट गहराता जा रहा है. शुक्रवार को मृतकों की तादाद 50,000 के आंकड़े को पार कर चुकी है. अमेरिका, स्पेन और ब्रिटेन में मरने वाले लोगों की संख्या अब भी सबसे अधिक है और वैश्विक अर्थव्यवस्था घुटन पर आ गई है. इस बीच, विशेषज्ञ सतर्क कर रहे हैं कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से 10 लाख लोगों के प्रभावित होने का आंकड़ा कुल संक्रमण का एक छोटा सा हिस्सा हो सकता है क्योंकि इसकी जांच प्रणाली अब भी बड़े स्तर पर उपलब्ध नहीं है.
वहीं अमेरिका में कुल मामलों के लगभग एक चौथाई मामले हैं, किन्तु यूरोप भी खतरे से दूर-दूर तक बाहर नहीं है. वहीं, स्पेन में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को 24 घंटे में 900 से अधिक लोगों की जान गई है. स्पेन में इस जानलेवा वायरस से अब तक 10,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. मृतकों के लिहाज से इटली अब भी पहले नंबर पर है, जबकि फ्रांस, बेल्जियम और ब्रिटेन भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ब्रिटेन की सरकार एक दिन में 569 लोगों की मौत होने के बाद जल्दी-जल्दी अस्थायी अस्पतालों को बनाने के काम में जुट गई है.
पूरी दुनिया के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा शुरू की गई जंग शुक्रवार को कमजोर पड़ती नज़र आई. जर्मनी के विशेषज्ञों ने कहा कि नए संक्रमण की दर लॉकडाउन के उपायों के चलते अवश्य धीमी पड़ गई है, किन्तु एशियाई देश सिंगापुर ने पुष्टि की है कि वह मामले बढ़ने की आशंका को रोकने के लिए स्कूलों एवं कार्यस्थलों को बंद करेगा.
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