दोहा: इस्लामी मुल्क क़तर में फीफा फुटबॉल विश्व कप 2022 ख़त्म हो चुका है। मगर, बाकी रह गई है, इस फुटबॉल वर्ल्ड कप के आयोजन के लिए निर्माण में लगे प्रवासी श्रमिकों की मौत और उत्पीड़न की कहानी। क़तर के जिस स्टेडियम में फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप के मुकाबले खेले गए, वह स्टेडियम भारतीय और दक्षिण एशियाई मजदूरों की कब्र पर बना था, यह कहना गलत नहीं होगा। एमनेस्टी इंटरनेशलनल ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि कतर में बीते 10 वर्षों में 15 हजार 21 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है। इनमें सबसे 6500 मजदूर भारत के थे। क़तर में भारतीय मजदूरों के साथ ही नेपाली और पाकिस्तान मजदूर भी मारे गए हैं।
It is grim irony that today's #WorldCup final is being played today, Dec. 18, which in 2000 the UN General Assembly proclaimed International Migrants Day. At least 6,500 migrant workers died in #Qatar to make #Qatar2022 possible. https://t.co/E9zSxRRFso https://t.co/T1gyHvyxtM
— Mona Eltahawy (@monaeltahawy) December 18, 2022
रिपोर्ट के अनुसार, क़तर में न केवल भारतीय मजदूरों की मौत हुई, बल्कि उनका जमकर शोषण भी हुआ और उन्हें वक़्त पर वेतन भी नहीं दिया गया। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है। बीते 1 नवंबर को ILO ने अपनी एक रिपोर्ट में प्रवासी श्रमिकों को वक़्त पर वेतन नहीं दिए जाने का दावा किया था। रिपोर्ट में यह कहा गया था कि कतर में प्रवासी श्रमिकों की स्थिति बेहद दयनीय है। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कतर में प्रवासी मजदूरों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उन्हें वेतन के बगैर ही मजदूरी करनी पड़ रही है।
World Cup boss Hassan Al-Thawadi tells Piers Morgan 400-500 migrant workers have died as a result of work done on projects connected to the tournament.
— Piers Morgan Uncensored (@PiersUncensored) November 28, 2022
"Yes, improvements have to happen."@piersmorgan | @TalkTV | #PMUQatar pic.twitter.com/Cf9bgKCFZe
विगत 15 दिसंबर को 3 दर्जन से ज्यादा नेपाली नागरिक समाज संगठनों ने FIFA के प्रमुख जियानी इन्फेंटिनो को एक पत्र लिखा था । जिसमें उन्होंने कहा था कि क़तर फ़ुटबॉल वर्ल्डकप स्टेडियम के निर्माण के दौरान मारे गए नेपाली प्रवासी श्रमिकों को मुआवजा देने से FIFA आंखें चुरा रहा है। इन संगठनों ने मांग की है कि मारे गए सभी श्रमिकों के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए।
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