अजमेर: राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर में पश्चिम बंगाल के 70 से ज्यादा मजदुर फंसे हुए हैं. जेब खाली होने के बाद भी इन श्रमिकों ने अपने स्तर पर अपने गृह राज्य जाने के लिए बसों के बंदोबस्त भी कर लिए हैं, किन्तु राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच सामंजस्य नहीं बन पाने के कारण यह सभी मजदुर बदनसीबी की मार झेलने को मजबूर हैं.
एक ओर कोरोना जैसी महामारी का दौर तो दूसरी ओर खाली पेट और खाली जेब अब इसे बदनसीबी नहीं तो क्या कहा जाए. पश्चिम बंगाल के 70 से ज्यादा मजदुर जो तीर्थराज पुष्कर में आए तो थे, अपने पेट के लिए रोटी की व्यवस्था करने, किन्तु कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन ने इनकी जिंदगी को ही अभिशाप बना दिया है.
कोई भूख से परेशान है तो कोई अपनी बीमारी के कारण बेजार हुआ जा रहा है, किन्तु इनके आंसू भी सरकारों को पिघलाने में कामयाब नहीं हो रहे. पुष्कर में इन मजदूरों ने अपनी भूख मिटाने के लिए सरकार की तरफ देखा तो मायूसी ही हाथ लगी. इन्हे लगा था कि अगर यह अपने राज्य पश्चिम बंगाल चले जाएंगे तो शायद जीवन की दुश्वारियां समाप्त हो जाएंगी और यही कारण रहा कि इन सभी मजदूरों ने मिलकर अपने लिए दो बसों का बंदोबस्त भी कर लिया. बसें बीकानेर से पुष्कर भी पहुंच गई, किन्तु अब इन्हें उस सरकारी परमिशन की जरुरत है, जिसके जरिए यह अपने गांव जा सकेंगे.
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