केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि अगले साल दो हजार से ज्यादा भारतीय महिलाएं ‘मेहरम’ (पुरुष अभिभावक) के बिना हज पर जा सकेंगी। 2018 में करीब 1300 महिलाएं बिना मेहरम हज पर गई थीं। केंद्र ने पुरुष अभिभावकों के बिना महिलाओं के हज जाने पर लगी रोक इस साल खत्म कर दी थी।
दो हजार से ज्यादा महिलाओं ने किया आवेदन
हज से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्तार नकवी ने कहा, ‘भारत की हज समिति को 2019 में हज के लिए इस साल अब तक 2.23 लाख से ज्यादा आवेदन मिले हैं। इन आवेदनों में 47 फीसदी महिलाएं हैं। दो हजार से ज्यादा महिलाओं ने मेहरम के बिना हज के लिए आवेदन किया है। अभी यह संख्या और बढ़ने के आसार है। वही 2018 में 1,300 महिलाएं बिना मेहरम हज पर गई थीं।
हज के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है यह प्रक्रिया 7 नवंबर को शुरू हुई है और 12 दिसंबर इसकी अंतिम तारीख है। नकवी के मुताबिक, बिना मेहरम हज के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं को लॉटरी प्रणाली से छूट प्राप्त है। इनकी मदद के लिए 100 से ज्यादा महिला हज समन्वयक और हज सहायकों को तैनात किया जाएगा। सरकार ने पारदर्शी बनाने के लिए हज प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है। 2019 के लिए अब तक 1.36 लाख आवेदन ऑनलाइन मिले हैं।
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