बैंगलोर: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले पर सुनवाई की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) उनकी संपत्ति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उनसे जांच करना चाहती है। हालाँकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जाँच को अस्थायी रूप से रोक दिया था। इस फैसले को सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रही है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CBI ने दलील दी कि हाई कोर्ट का फैसला गलत जानकारी पर आधारित था। इसके बाद शीर्ष अदालत ने शिवकुमार और मामले से जुड़े अन्य लोगों से जवाब देने को कहा है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना हाई कोर्ट के आदेश को तुरंत पलटने से इनकार कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट दूसरे पक्ष की दलीलें सुनने के बाद इस मामले की 'जांच होनी चाहिए या नहीं' इसपर फैसला देगी।
क्या है मामला :-
बता दें कि, मामला डीके शिवकुमार के पास ऐसी संपत्ति होने के आरोपों के बारे में है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से काफी अधिक है। राज्य सरकार की अनुमति से CBI ने 2019 में इस मामले की जांच शुरू की थी। 2017 में आयकर छापे और उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के बाद जांच शुरू हुई। 2020 में, CBI ने शिवकुमार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
शिवकुमार ने इसे कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट ने अस्थायी तौर पर सीबीआई की जांच रोक दी। अब, CBI इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले आई है, जिसने नोटिस जारी किया है और मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय की है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस बात पर गौर कर रहा है कि क्या कर्नाटक हाई कोर्ट की अस्थायी रोक के बावजूद डीके शिवकुमार के खिलाफ CBI अपनी जांच जारी रख सकती है।